Skip to main content

raja bhoj ki khani


भारत में कई सदियों पहले एक किताब- (#मेरुतुंगाचार्य_रचित_प्रबन्ध_चिन्तामणि) आई थी जिसमें महान लोगों के बारे में कई हस्तलिखित कहानियाँ थी। कोई कहता है किताब १३१० के दशक में आई तो कोई उसे १३६० के दशक का मानता है, १३१० वाले ज़्यादा लोग हैं। खैर मुद्दा वो नहीं है, किताब का १४ वीं सदी का होना ही काफी है। उसमें राजा भोज पर भी कई कहानिया है जिसमें से एक ये है, जिसे थोड़ा ध्यान से पढ़ा जाना चाहिए    - 

एक रात अचानक आँख खुल जाने से राजा भोज ने देखा कि चाँदनी के छिटकने से बड़ा ही सुहावना समय हो रहा है, और सामने ही आकाश में स्थित चन्द्रमा देखने वाले के मन मे आल्हाद उत्पन्न कर रहा है। यह देख राजा की आँखें उस तरफ अटक गई और थोड़ी देर में उन्होने यह श्लोकार्ध पढ़ा -

यदेतइन्द्रान्तर्जलदलवलीलां प्रकुरुते।
तदाचष्टे लेाकः शशक इति नो सां प्रति यथा॥ 

अर्थात् - "चाँद के भीतर जो यह बादल का टुकड़ा सा दिखाई देता है लोग उसे शशक (खरगोश) कहते हैं। परन्तु मैं ऐसा नहीं समझता।"

संयोग से इसके पहले ही एक विद्वान् चोर राज महल मे घुस आया था और राजा के जाग जाने के कारण एक तरफ छिपा बैठा था। 
जब भोज ने दो तीन वार इसी श्लोकार्ध को पढ़ा और अगला श्लोकार्ध उनके मुँह से न निकला तब उस चोर से चुप न रहा गया और उसने आगे का श्लोकार्ध कह कर उस श्लोक की पूर्ति इस प्रकार कर दी-

अहं त्विन्दु मन्ये त्वरिविरहाक्रान्ततरुणो।
कटाक्षोल्कापातव्रणशतकलङ्काङ्किततनुम्॥ 

अर्थात् - "मै तो समझता हूं कि तुम्हारे शत्रुओ की विरहिणी स्त्रियो के कटाक्ष रूपी उल्काओं के पड़ने से चन्द्रमा के शरीर में सैकड़ों घाव हो गए हैं और ये उसी के दाग़ हैं।"

अपने पकड़े जाने की परवाह न करने वाले उस चोर के चमत्कार पूर्ण कथन को सुनकर भोज बहुत खुश हुये और सावधानी के तौर पर उस चोर को प्रातःकाल तक के लिये एक कोठरी  मे बंद करवा दिया। परंतु उस समय  विद्वता की पूछ परख ज्यादा थी सो अगले दिन प्रातः उसे भारी पुरस्कार देकर विदा किया गया।

लगभग 250 साल के लंबे अंतराल के बाद, गेलेलियों ने ३० नवंबर सन १६०९ को पहली बार टेलिस्कोप से चंद्रमा देखा और अपनी डायरी में नोट किया कि, "चंद्रमा की सतह चिकनी नहीं है जैसी कि मानी जाती थी (क्योंकि केवल आंखो से वह ऐसी ही दिखती है), बल्कि असमतल और ऊबड़-खाबड़ है।" वहाँ उन्हे पहाड़ियाँ और गढ़हों जैसी रचनाएँ नज़र आई थी। उन्होने टेलिस्कोप से खुद के देखे चंद्रमा एक स्केच भी अपनी डायरी में बनाया। 

कहानी का सार बस इतना है कि जिस समय चर्च यह मानता था कि रात का आसमान एक काली चादर है, जिसमें छेद हो गए और उसमे से स्वर्ग का प्रकाश तारों के रूप में दिख रहा है, उस समय भारत के एक चोट्टे को भी ये पता था कि चंद्रमा की सतह समतल नहीं है और उस पर जो दाग हैं वो उल्काओं के गिरने से बने हैं। बात खतम।

अब ये अलग बात है कि स्वयंभू वामपंथी इतिहासकारों, सेक्युलरता के घातक रोग से पीड़ित लिबरलों, और खुद पर ही शर्मिंदा कुछ भारतीय गोरों को यह बात आज भी नहीं पता, क्योंकि ना तो उन्हे इतिहास का अध्ययन करना आता है और ना ही उनमें इतनी क्षमता ही है।

Comments

Popular posts from this blog

Isha Ambani Life Story

Isha Ambani's Life Isha Ambani life story Early Life and Education: Isha Ambani was born in Mumbai, India, to Mukesh Ambani and Nita Ambani. She is the twin sister of Akash Ambani and has a younger brother named Anant Ambani. Growing up, Isha had a privileged upbringing in a wealthy and influential family. Isha completed her schooling at Dhirubhai Ambani International School in Mumbai, which was founded by her grandfather, Dhirubhai Ambani. She then pursued a Bachelor's degree in Psychology and South Asian Studies from Yale University in the United States. Isha was an accomplished student during her time at Yale, actively participating in extracurricular activities and representing the university at various events. Career: After completing her studies, Isha Ambani joined McKinsey & Company, a global management consulting firm. She worked there for a brief period before returning to India to work for her family's conglomerate, Reliance Industries. At Reliance

shadi ke liye biodata kaise banaye

        MATRIMONIAL BIO-DATA Name                                                :           Mosharrat Naj Rozee Age                                                   :           12 Feb 2003 Height                                               :           5’3” Complexion                                      :           Fair Religion                                             :           Islam Caste                                                 :           Sheikh Educational Qualification                 :            Pursuing B.A Part – 3 From Uma Pandey College,                    Pus Samastipur (LNMU)                                                                     (Also Prepration For Civil Services ) Family Details : Paternal Grand Father                       :            Late Md Safique Father                                                :           Dr. Md Mozahir Alam Occupation                                       :          

Isha Ambani latest new and story

 अंबानी से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण समाचार यहां हैं: ईशा अंबानी और आनंद पिरामल की शादी: ईशा अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की बेटी, दिसंबर 2018 में आनंद पिरामल, उद्यमी अजय पिरामल के बेटे के साथ एक महान शादी समारोह में बंधीं। उसकी खुशियों ने 2019 के पहले महीनों तक छाया रहा, जिससे यह साल की सबसे चर्चित शादीशुदा समारोहों में से एक बन गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज में ईशा अंबानी की भूमिका: ईशा अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के परिवार व्यवसाय में सक्रिय रही हैं। 2019 में, उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड की बोर्ड पर एक निदेशक के पद की होल्डर रहीं। उन्होंने जियो के विकास और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारत में अग्रणी टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन गई है। परोपकारी पहलों: ईशा अंबानी को विभिन्न परोपकारी पहलों में शामिल होने के लिए जाना जाता है। 2019 में, उन्होंने रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स (आरएफवाईएस) पहल की शुरुआत की, जो खेल को प्रोत्साहित करने और भारत भर में युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने का उद्देश्य रखती थी। इस पहल